यू.आर.अनंतमूर्तिः बहुभाषी साहित्य परंपरा के प्रतिनिधि रचनाकार राजीव आनंद उद्विपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति आधुनिक कन्नड़ साहित्य के ऐसे चितेरे थे जिनके साहित्य से गाॅंव कभी ओझल नहीं हुआ. यद्यपि उनके साहित्य में गाॅंव के प्रति भावुक दृष्टिकोण नहीं मिलती अपितु समाजवादी दृष्टिकोण से उपजे चिंतन ही मुखर हुयी और उन्होंने गाॅंव को केन्द्र में रखकर विपुल साहित्य रचा. 21 दिसंबर 1932 को कर्नाटक के एक छोटे से गाॅंव मेलिगे में जन्में यू. आर. अनंतमूर्ति न सिर्फ कन्नड़ साहित्य अपतिु भारतीय साहित्य जगत के ...
रिपोर्ट की समस्या
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