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हिन्दी

उपदेश

4.3
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प्रयाग के सुशिक्षित समाज में पंडित देवरत्न शर्मा वास्तव में एक रत्न थे। शिक्षा भी उन्होंने उच्च श्रेणी की पायी थी और कुल के भी उच्च थे। न्यायशीला गवर्नमेंट ने उन्हें एक उच्च पद पर नियुक्त करना चाहा, ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : धनपत राय श्रीवास्तव उपनाम : मुंशी प्रेमचंद, नवाब राय, उपन्यास सम्राट जन्म : 31 जुलाई 1880, लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) देहावसान : 8 अक्टूबर 1936 भाषा : हिंदी, उर्दू विधाएँ : कहानी, उपन्यास, नाटक, वैचारिक लेख, बाल साहित्य   मुंशी प्रेमचंद हिन्दी के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह माने जाने वाले प्रेमचंद ने स्वयं तो अनेकानेक कालजयी कहानियों एवं उपन्यासों की रचना की ही, साथ ही उन्होने हिन्दी साहित्यकारों की एक पूरी पीढ़ी को भी प्रभावित किया और आदर्शोन्मुख यथार्थवादी कहानियों की परंपरा कायम की|  अपने जीवनकाल में प्रेमचंद ने 250 से अधिक कहानियों, 15 से अधिक उपन्यासों एवं अनेक लेख, नाटक एवं अनुवादों की रचना की, उनकी अनेक रचनाओं का भारत की एवं अन्य राष्ट्रों की विभिन्न भाषाओं में अन्यवाद भी हुआ है। इनकी रचनाओं को आधार में रखते हुए अनेक फिल्मों धारावाहिकों को निर्माण भी हो चुका है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shahid Husean
    26 अगस्त 2018
    nice
  • author
    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
  • author
    Rajesh Sharma
    28 मई 2021
    प्रेमचंद जी जैसे महान लेखक के बारे में क्या समीक्षा करूं। जब स्कूल में था और उनकी कहानी गुरु जी के द्वारा पढ़ाई जाती तो कोई दिलचस्पी ही नहीं होती थी लेकिन समय ने समझा दिया की मुंशी प्रेमचंद को फॉलो नहीं करोगे तो जिंदगी भर अशिक्षित और परेशान रहोगे।
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    Shahid Husean
    26 अगस्त 2018
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    पवनेश मिश्रा
    10 अप्रैल 2020
    कथा सम्राट के कृतित्व को सादर नमन 🙏🌹🙏,
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    Rajesh Sharma
    28 मई 2021
    प्रेमचंद जी जैसे महान लेखक के बारे में क्या समीक्षा करूं। जब स्कूल में था और उनकी कहानी गुरु जी के द्वारा पढ़ाई जाती तो कोई दिलचस्पी ही नहीं होती थी लेकिन समय ने समझा दिया की मुंशी प्रेमचंद को फॉलो नहीं करोगे तो जिंदगी भर अशिक्षित और परेशान रहोगे।