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उपन्यास सम्राट: मुंशी प्रेमचंद

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आज १४४ वी जयंती पर शत् शत् नमन 🙏 मुंशी प्रेमचंद, जिन्हें हिन्दी और उर्दू साहित्य में 'कथा सम्राट' के रूप में जाना जाता है, भारतीय साहित्य के महानतम लेखकों में से एक थे। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को ...

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लेखक के बारे में
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UMA SHARMA

Follow on Instagram @writer_artika https://www.facebook.com/share/1AfQbtukip/ परिचय नाम - उमा शर्मा अर्तिका 🧿🧿 जन्म स्थान - मेरठ उत्तर प्रदेश 4 मई 1974 माता का नाम - श्रीमती सन्तोष शर्मा पिता का नाम-श्री भगवत स्वरूप शर्मा पति का नाम - शिव कुमार शर्मा शैक्षिक योग्यता - B A एवं हिंदी साहित्य में M A किया है। कार्यक्षेत्र - फुल टाइम हाऊस वाइफ , लेखिका, कवित्री, कहानीकार, पूर्णिकाकार, रूचियां - लेखन, और सोशल वर्क, मंडेला आर्ट एवं ड्राइंग पेंटिंग में रुचि है। किताबें पढ़ना, और कहानियां पढ़ना लिखना अच्छा लगता है, लिखने का शौक कालेज से शुरू हुआ, सर्वप्रथम प्रतिलिपि पर लिखना आरंभ किया, प्रतिलिपि पर बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। मेरे द्बारा लिखित मेरे सात उपन्यास प्रतिलिपि पर प्रीमियम सेक्शन में आ चुके हैं, 1,नीलमणि, 2,समय की मार, 3अन्तिमा और सीमान्त 4,भाती भाई 5,प्यार का असली रंग 6,नन्ही कली क प्रतिलिपि पुरस्कृत किया 7,सुख की अभिलाषा कुछ कहानियां, और लधुकथाए भी लिखीं हैं, उपाधि - भक्ति प्रभा सम्मान, श्रेष्ठ शब्द शिल्पी , श्रेष्ठ विश्लेषक, सर्वश्रेष्ठ रचनाकार सम्मान कुशल समीक्षाधीश सम्मान, एवं लेखन के क्षेत्र में कई उपाधियां प्राप्त की है। फेसबुक के कई मंचों से सम्मान पत्र मिले हैं, शौक़ - कहानियां पढ़ना और लिखना, नयी जगहों पर घूमना उस जगह की संस्कृति को करीब देखना और जानकारी एकत्र करना ,, नयी नयी कलाकृति बनाना, और खुबसूरत रंगों से भरना मुझे बहुत अच्छा लगता है, चित्रकला, एवम मंडेला आर्ट करना मुझे बहुत अच्छा लगता है। ईश्वर द्वारा मिला जीवन मैं अपनी मां की तरह सरल तरीके से ही जीती हूॅ,! मेरी सभी कहानियां और उपन्यास, कविताएं, संस्मरण, और शायरी,लधुकथाए मौलिक और स्वरचित, सर्वोधिकार सुरक्षित है,,! लिखने की अभिलाषा जो प्रतिलिपि पर पूर्ण हुई है, उसके लिए तहेदिल से प्रतिलिपि टीम का धन्यवाद करती हॅ,! अपने सभी पाठकों का आभार व्यक्त करती हूॅ,,, मेरी कहानियों को पढ़कर उत्साहवर्धक समीक्षाएं देकर मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आप सभी पाठकों का बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 अगस्त 2024
    हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते हुए मुंशी प्रेमचन्द का साहित्यिक योगदान चिर स्मरणीय रहेगा उनकी कहानियां तब ही नहीं, अब ही नहीं, आगे भी समाज को आईना दिखाते हुए मार्गदर्शन करती रहेगी। उनके सम्मान में बहुत बढ़िया प्रस्तुति। उन्हें शत शत नमन। 🙏
  • author
    01 अगस्त 2024
    बहुत बढ़िया लिखा दी।सच में मेरे पसंदीदा कहानीकार है मुंशी प्रेमचंद जी।उनकी मृत्यु भोज पढ़ी थी मैने मेरी आंखों में आसूं आ गए थे पढ़कर।वैसे तो मैने बहुत सारी कहानी पढ़ी है उनकी।
  • author
    Rajni Katare
    31 जुलाई 2024
    बहुत बढ़िया उमा- लेख के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन का सार लिख दिया👌👌👌🙏
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    04 अगस्त 2024
    हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते हुए मुंशी प्रेमचन्द का साहित्यिक योगदान चिर स्मरणीय रहेगा उनकी कहानियां तब ही नहीं, अब ही नहीं, आगे भी समाज को आईना दिखाते हुए मार्गदर्शन करती रहेगी। उनके सम्मान में बहुत बढ़िया प्रस्तुति। उन्हें शत शत नमन। 🙏
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    01 अगस्त 2024
    बहुत बढ़िया लिखा दी।सच में मेरे पसंदीदा कहानीकार है मुंशी प्रेमचंद जी।उनकी मृत्यु भोज पढ़ी थी मैने मेरी आंखों में आसूं आ गए थे पढ़कर।वैसे तो मैने बहुत सारी कहानी पढ़ी है उनकी।
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    Rajni Katare
    31 जुलाई 2024
    बहुत बढ़िया उमा- लेख के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद जी के जीवन का सार लिख दिया👌👌👌🙏