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अनकहा सा इश्क़

4.5
90134

मुझे छल नही आता।और मेरी आत्मा आज भी जिन्दा हैं इस युग में भी जब की मैं बहुत बार छली गयी।ये सब उसने बड़ी सरलता से कह दिया था, जरा सा भी गुस्सा या शिकायत किये बिना बहुत ही प्यार से, कायल था मैं उसके ...

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लेखक के बारे में
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Vinshu Yadav

संवेदनशील होना बुरा नही है,बुरा हैं संवेदनहीन होना....इंसान है हम फिर भी अगर हम भावनाओ की कद्र न करे तो ज्यादा फर्क नही रह जाता पशु और इंसान में.....

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Meenakshi Gupta
    03 ಜನವರಿ 2019
    बहुत ही अच्छी. शब्द ही नहीं हैं बयान करने के लिए
  • author
    Sudha Ghildiyal
    20 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    कहानी तो अच्छी है ही किन्तु अन्त जबरदस्त है ।कहानी के बेहतरीन व सुलझे हुए अंत ने कहानी को चार चांद लगा दिए।भावी लेखन हेतु शुभकामनाएं....💐💐💐💐💐💐
  • author
    Minakshi Chaturvedi
    20 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    गजब की कहानी
  • author
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    Meenakshi Gupta
    03 ಜನವರಿ 2019
    बहुत ही अच्छी. शब्द ही नहीं हैं बयान करने के लिए
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    Sudha Ghildiyal
    20 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    कहानी तो अच्छी है ही किन्तु अन्त जबरदस्त है ।कहानी के बेहतरीन व सुलझे हुए अंत ने कहानी को चार चांद लगा दिए।भावी लेखन हेतु शुभकामनाएं....💐💐💐💐💐💐
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    Minakshi Chaturvedi
    20 ಆಗಸ್ಟ್ 2019
    गजब की कहानी