शहर के अमीरों में गिनती होती थी सिंहलसाहब की पुश्तैनी अमीर तो थे ही,साथ ही पढ़ लिख कर इंजीनियर भी बन गए थे।किस्मत से नौकरी भी पी.डब्ल्यू.डी.विभाग में लग गई थी।पदोन्नत हो कर चीफ इंजीनियर के पद तक पहुंच ...
मैं गृहिणी हूँ।लेखन में रुचि है।सामाजिक विषयों पर लेखन पसंद है।एक उपन्यास, हम कैदी जनम के, तथा एक कविता संग्रह अश्रुधारा. प्रकाशित हो चुका है। समाज सेवा में भी रुचि है अतः लायंस क्लब इंटरनेशनल में सदस्यता भी ले रखी है।
सारांश
मैं गृहिणी हूँ।लेखन में रुचि है।सामाजिक विषयों पर लेखन पसंद है।एक उपन्यास, हम कैदी जनम के, तथा एक कविता संग्रह अश्रुधारा. प्रकाशित हो चुका है। समाज सेवा में भी रुचि है अतः लायंस क्लब इंटरनेशनल में सदस्यता भी ले रखी है।
रिपोर्ट की समस्या
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