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दुल्हन की चूनर

4.1
331

उम्मीद पे दुनिया कायम है उम्मीद दिलों में सजती है उम्मीद के चलते पल पल में हर दिल में खुशियाँ बसती हैं उम्मीद से दुल्हन की लाली उसकी चूनर की हर जाली चूड़ी और कानों की बाली , मन में हरकत सी मतवाली ...

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लेखक के बारे में
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नेहा रस्तोगी
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anup Kumar
    04 मई 2021
    "नेहा रस्तोगी"जी कविता'दुल्लहन की चूनर'एक अच्छी कविता कहीं जा सकती है.इस कविता के माध्यम से कवियत्री ने यह समझाने की कोशिश की है की जब कोई भी नारी जब नयी-नवेली दुल्हन बनती है तो वह अपनी पूरी जिंदगी एक उम्मीद पर जीती है.जैसै वह पति से ,बच्चों से या परिवार के अन्य लोग से अनेकों उम्मीद करती .यही उम्मीद जब टूटने लगती है तो उस पर करता गुजारती है,यह तो कोई भुक्तभोगी ही जान सकती है.नेहा जी ने इसे बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की है,जो काबिले-तारीफ है. नेहा जी को मेरी। ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं. अनुप कुमार, रांची, झारखंड..878 935 9681.... [email protected]
  • author
    Manjit Singh
    14 अगस्त 2020
    सुंदर प्रस्तुति
  • author
    28 सितम्बर 2018
    अतिउत्तम...✌️✌️
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anup Kumar
    04 मई 2021
    "नेहा रस्तोगी"जी कविता'दुल्लहन की चूनर'एक अच्छी कविता कहीं जा सकती है.इस कविता के माध्यम से कवियत्री ने यह समझाने की कोशिश की है की जब कोई भी नारी जब नयी-नवेली दुल्हन बनती है तो वह अपनी पूरी जिंदगी एक उम्मीद पर जीती है.जैसै वह पति से ,बच्चों से या परिवार के अन्य लोग से अनेकों उम्मीद करती .यही उम्मीद जब टूटने लगती है तो उस पर करता गुजारती है,यह तो कोई भुक्तभोगी ही जान सकती है.नेहा जी ने इसे बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की है,जो काबिले-तारीफ है. नेहा जी को मेरी। ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं. अनुप कुमार, रांची, झारखंड..878 935 9681.... [email protected]
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    Manjit Singh
    14 अगस्त 2020
    सुंदर प्रस्तुति
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    28 सितम्बर 2018
    अतिउत्तम...✌️✌️