शाम के ५ बज रहे थे उसी वक़्त मेरा मोबाइल बज उठा सामने विक्रम था हमेशा की तरह वो प्यार से बोला जानेमन क्या कर रही हो मैंने कहा कुछ नहीं बस अब ऑफिस से निकल कर PG जाउंगी तुम क्या आ रहे हो और सामने से ...
शाम के ५ बज रहे थे उसी वक़्त मेरा मोबाइल बज उठा सामने विक्रम था हमेशा की तरह वो प्यार से बोला जानेमन क्या कर रही हो मैंने कहा कुछ नहीं बस अब ऑफिस से निकल कर PG जाउंगी तुम क्या आ रहे हो और सामने से ...