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उगते हुए सूरज से कहना

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उगते हुए सूरज से कहना.. कड़ी धूप वाली सुबह ना लाए...ऐसी सुबह हो कि सबकी होंठों पर मुस्कान खिलती रहे दिनभर...!!! ऐसी सुबह हो..हर मंजिल के राही को मंजिल मिल.. जाए...रोते हुए लोग हंसते रहे..उगते हुए ...

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लेखक के बारे में

भगवान ने प्रकृति को जैसा बनाया है, उसे देख मुस्कान...निकलती है मेरी...और इंसान को जैसा बनाया था, अब उसे देख जान निकलती है मेरी...!!🙏 🙏🏻राधे-राधे 🙏🙏🏻

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    निरंजना जैन
    13 फ़रवरी 2023
    बहुत सुंदर भावसृजन शशिकांत भाई।👌👌
  • author
    Satyam Sinha
    13 फ़रवरी 2023
    सूरज का कार्य तपन देना ताकि धरती फसल उगा सके। विषाणु का नाश हो इतनी गर्मी दे देना। यह तो हमारे कर्म पर है कि हम सुर्यदेव से क्या लेना चाहते हैं
  • author
    Balram Soni
    13 फ़रवरी 2023
    उगते हुए सूरज से कहना.... बहुत ही बढ़िया बेहतरीन बेमिसाल और अति उत्तम रचना का सृजन आपके द्वारा 👌🌷💐🙏🌹 जय श्री राधे कृष्णा 🌹🙏
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    निरंजना जैन
    13 फ़रवरी 2023
    बहुत सुंदर भावसृजन शशिकांत भाई।👌👌
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    Satyam Sinha
    13 फ़रवरी 2023
    सूरज का कार्य तपन देना ताकि धरती फसल उगा सके। विषाणु का नाश हो इतनी गर्मी दे देना। यह तो हमारे कर्म पर है कि हम सुर्यदेव से क्या लेना चाहते हैं
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    Balram Soni
    13 फ़रवरी 2023
    उगते हुए सूरज से कहना.... बहुत ही बढ़िया बेहतरीन बेमिसाल और अति उत्तम रचना का सृजन आपके द्वारा 👌🌷💐🙏🌹 जय श्री राधे कृष्णा 🌹🙏