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उफ्फ ये गर्मी!

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ये जिस्म को पिघलाती गर्मी बिन माचिस आग लगाती गर्मी सब्र से शर्त लगाती गर्मी भरी जिंदगी मौत का एहसास करवाती गर्मी हाय-हाय रे गर्मी... हाय -हाय रे गर्मी हवा की अहमियत समझाती गर्मी पानी से मुहब्बत ...

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लेखक के बारे में
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Go Go Gourav

मेरे सभी साहित्य मित्रों को मेरा नमस्कार मैं बोकारो झारखंड से हूं।मेरी जन्मभूमि बिहार और कर्मभूमि मुम्बई है।बचपन से अकेला रहने का शौक था... विचारों का दिद्व हमेशा चलता रहता था शायद इसी वज़ह से लेखक बन गया।अपनी उपलब्धियों के बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि है भी नही।बस यूं समझ लिजिए मेरी कहानियां किंडल, कु.कु. एफ.एम, पांकेट एफ.एम, यूट्यूब और ओ.टी.टी पर भी उपलब्ध है। जिंदगी में आने वाली कठिनाइयां ही मेरे आगे बढ़ने की सबसे बड़ी प्रेरणा है। साधुवाद

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    Sarcastic राइटर
    13 मई 2024
    अच्छा लिखा हैं..
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