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उड़ान – एक सपना –मृत्यु से पहले

4.2
341

सुप्रिया के नाम यह कविता-पत्र बनते समय मन-मष्तिस्क में शिशु-सुप्रिया की मुस्कानें और प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यास ‘जोनाथन लिंग्विस्टन सीगल’ छाया हुआ था। उपन्यास लगभग 7-8 साल पहले पढ रखा था। देह की रुग्णता के कारण नहीं जानता था कि ‘सीगल’ की लम्बी तपस्या इस क्रमिक पत्र में पूरी होगी, किन्तु मरने से पहले मृत्यु स्वीकार नहीं हुई इस साधक को! 7-9-1997, बैदों का चौक, बीकानेर चलो सुप्रिया शुरु करें हम, एक कहानी लम्बी। हो सकता है पूरी ना हो, है यह इतनी लम्बी॥ एक नन्हीं सी चिड़िया अपने, परिजन संग रहती थी। ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.
  • author
    Urmi Sharma
    12 जून 2022
    एक- एक शब्द दिल में उतरता है। बिकानेर की कुछ यादें कुरेद सी गई यह कविता।।
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    04 अप्रैल 2022
    सुन्दर अभिव्यक्ति ।
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    Himanshi Singh
    10 अगस्त 2020
    I have read your poetry, you are truly a great writer. We would like to give you a chance on behalf of our publication house.if u interested then ping me fast.
  • author
    Urmi Sharma
    12 जून 2022
    एक- एक शब्द दिल में उतरता है। बिकानेर की कुछ यादें कुरेद सी गई यह कविता।।
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    अरविन्द सिन्हा
    04 अप्रैल 2022
    सुन्दर अभिव्यक्ति ।