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त्या खिड़की तुन आभाळ दिसायचं

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झरोखे में तेरा अश्क नजर आया था जेसे आसमान ओर धरती का मिलन हो रहाथा हवाओं ने भी रुख बदला जैसे दे रही थी वोह भी कोई इशारा ...

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लेखक के बारे में
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Chitra Mahajan

मी एक साधारण ग्रुहणी आहे पुस्तके वाचन आणि लिखाणाची मला खूप आवड आहे

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सचिन कांबळे
    18 अक्टूबर 2021
    बहोत खूब👌👌👌👌💐💐💐
  • author
    18 अक्टूबर 2021
    अतिशय सुंदर 👌👌👌👌🙏🙏
  • author
    Jyoti Nigam
    18 अक्टूबर 2021
    very very nice 👍😊
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    सचिन कांबळे
    18 अक्टूबर 2021
    बहोत खूब👌👌👌👌💐💐💐
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    18 अक्टूबर 2021
    अतिशय सुंदर 👌👌👌👌🙏🙏
  • author
    Jyoti Nigam
    18 अक्टूबर 2021
    very very nice 👍😊