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तुम्हारी यादें ....12

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तुम्हारी यादें ...12 आज वायवा होना है और सुबह से ही जया का मन विह्वल हो रहा ।क्या होगा ,कैसे होगा? इतनी वर्षों की तपस्या का आखिरी क्षण .... और कुछ घण्टों के उहापोह और शोध विषय पर  सवालों के सटीक ...

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लेखक के बारे में

मैं कॉपी नही कर सकती भावनाओं की, बस शब्द लिख सकती हूँ अहसास में गुंथे। कहानी मेरी ही आवाज़ में सुनने के लिए मेरा चैंनल भी सब्सक्राइब कर सकते हैं ।नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।https://youtube.com/channel/UCeH2kaD0bXs4Vf5Ksw_dI5A

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nirmla Nagar
    11 जुलै 2021
    लाजवाब और प्रेरणादायी रचना👏👏👏👏👍👍 कहानी पढ़ते हुए लग ही रहा था कि सत्य घटनाओं पर आधारित है। नायिका के धैर्य, आगे बढ़ने की चाह,और आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की भावना को नमन करती हूं।🙏🙏🙏🙏
  • author
    tareshwari mishra
    04 एप्रिल 2020
    लाजवाब रचना अपनी प्रगति के द्वारा ही हम सभी महिलाएं परिवार समाज की तरक्की में योगदान दे सकते हैं तथा अपने सम्मान की रक्षा कर सकती हैं एक सकारात्मक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद आपका
  • author
    Asha Chandra
    05 ऑगस्ट 2021
    आज एकसाथ सारे अंक पढ़ डाले। रोचक और बेहतरीन कथानक रचा है आपने। प्रेरणा दायक तो है किन्तु एक बात जो दिमाग में खटक रही है वो ये कि एक नारी जो हर मोड़ पर छली जा रही है। क्यों उसके दुख और दर्द की कोई सीमा नहीं है। अगर यह केवल काल्पनिक है तो कहानी में कुछ भी संभव है और यदि दस प्रतिशत भी सच्चाई है तो बडी़ ही भयावह और ह्रदय विदारक है। भाषा पर पकड़ अच्छी है और शैली में कसावट है। ऐसी कहानी दिमाग़ पर हावी हो जाती हैं और सहज ही विस्मृत नहीं होती।
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    Nirmla Nagar
    11 जुलै 2021
    लाजवाब और प्रेरणादायी रचना👏👏👏👏👍👍 कहानी पढ़ते हुए लग ही रहा था कि सत्य घटनाओं पर आधारित है। नायिका के धैर्य, आगे बढ़ने की चाह,और आत्मविश्वास और आत्मसम्मान की भावना को नमन करती हूं।🙏🙏🙏🙏
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    tareshwari mishra
    04 एप्रिल 2020
    लाजवाब रचना अपनी प्रगति के द्वारा ही हम सभी महिलाएं परिवार समाज की तरक्की में योगदान दे सकते हैं तथा अपने सम्मान की रक्षा कर सकती हैं एक सकारात्मक प्रस्तुति के लिए धन्यवाद आपका
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    Asha Chandra
    05 ऑगस्ट 2021
    आज एकसाथ सारे अंक पढ़ डाले। रोचक और बेहतरीन कथानक रचा है आपने। प्रेरणा दायक तो है किन्तु एक बात जो दिमाग में खटक रही है वो ये कि एक नारी जो हर मोड़ पर छली जा रही है। क्यों उसके दुख और दर्द की कोई सीमा नहीं है। अगर यह केवल काल्पनिक है तो कहानी में कुछ भी संभव है और यदि दस प्रतिशत भी सच्चाई है तो बडी़ ही भयावह और ह्रदय विदारक है। भाषा पर पकड़ अच्छी है और शैली में कसावट है। ऐसी कहानी दिमाग़ पर हावी हो जाती हैं और सहज ही विस्मृत नहीं होती।