तुम्हारे चेहरे को चाँद सा चेहरा कह नहीं सकता नीरस, निरार्द्र ,निर्जीव, बड़े बड़े गड्ढों से भरा , दूसरे की रोशनी से चमकने वाले की उपमा तुम्हारे चेहरे को कैसे दे दूँ, और ये प्यार जिसे तुम दिल की सौगात ...
तुम्हारे चेहरे को चाँद सा चेहरा कह नहीं सकता नीरस, निरार्द्र ,निर्जीव, बड़े बड़े गड्ढों से भरा , दूसरे की रोशनी से चमकने वाले की उपमा तुम्हारे चेहरे को कैसे दे दूँ, और ये प्यार जिसे तुम दिल की सौगात ...