pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

तुम्हारे चेहरे को चाँद सा चेहरा कह नहीं सकता

4.3
2271

तुम्हारे चेहरे को चाँद सा चेहरा कह नहीं सकता नीरस, निरार्द्र ,निर्जीव, बड़े बड़े गड्ढों से भरा , दूसरे की रोशनी से चमकने वाले की उपमा तुम्हारे चेहरे को कैसे दे दूँ, और ये प्यार जिसे तुम दिल की सौगात ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    VINAY KUMAR SAURABH
    26 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    कैशोर्य रूमानियत से भरी कविता ।  
  • author
    Akashwani Faizabad
    15 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    Yatharthpoorn Poem
  • author
    Mohammad Nazim
    25 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    Excellant poem
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    VINAY KUMAR SAURABH
    26 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    कैशोर्य रूमानियत से भरी कविता ।  
  • author
    Akashwani Faizabad
    15 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    Yatharthpoorn Poem
  • author
    Mohammad Nazim
    25 ഒക്റ്റോബര്‍ 2015
    Excellant poem