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तुम सही, मैं गलत

4.6
175

तुम सही, मैं गलत, यही होगी तुम सोचती । तुमने तो कर भी लिए सारे ज़रूरी फैसले की किसके अल्फ़ाज़ सही, किसके गलत ? किसका अंदाज़-ए-ब्याँ सही, किसका गलत ? पर कैसे करोगी कुछ बेकार के फैसले जैसे की किसके जज़्बात ...

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उन्स
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    20 फ़रवरी 2019
    ये सवालों की झङी मुझे मेरे अतीत में ले जा पटकती है।
  • author
    SAHIL VERMA (Kussar)
    30 दिसम्बर 2018
    goood..............
  • author
    13 मार्च 2019
    आपने अपना पेननेम 'उन्स' रखा है। आपकी इस कविता में प्रेम भी उन्स के स्तर पर ही है, इसलिए इतने सवाल-जवाब हैं। सही-गलत की कसौटी पर रूहानी रिश्तों की परख नहीं होती। प्रेम के रिश्ते में तो हमेशा प्रेम ही सही होता है। वर्त्तनी की अशुद्धियों को भी दूर करना होगा ('कि' को आपने 'की' लिखा है)। प्रेम गहरा विषय है, आप महसूस करें फिर लिखें। आपकी रचनात्मक दृष्टि प्रभावित करती है।
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    20 फ़रवरी 2019
    ये सवालों की झङी मुझे मेरे अतीत में ले जा पटकती है।
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    SAHIL VERMA (Kussar)
    30 दिसम्बर 2018
    goood..............
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    13 मार्च 2019
    आपने अपना पेननेम 'उन्स' रखा है। आपकी इस कविता में प्रेम भी उन्स के स्तर पर ही है, इसलिए इतने सवाल-जवाब हैं। सही-गलत की कसौटी पर रूहानी रिश्तों की परख नहीं होती। प्रेम के रिश्ते में तो हमेशा प्रेम ही सही होता है। वर्त्तनी की अशुद्धियों को भी दूर करना होगा ('कि' को आपने 'की' लिखा है)। प्रेम गहरा विषय है, आप महसूस करें फिर लिखें। आपकी रचनात्मक दृष्टि प्रभावित करती है।