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तुम नजर भर ये, अजीयत देखना

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तुम नजर भर ये, अजीयत देखना हो सके, मैली-सियासत देखना ये भरोसे की, राजनीती ख़ाक सी लूट शामिल की, हिमाकत देखना दौर है कमा लो, जमाना आप का बमुश्किल हो फिर, जहानत देखना लोग कायर थे, डरे रहते थे खुद जानते ...