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तुम, मैं और ये वादियां

3.8
1365

कुछ तो ऐसा है जो कभी नहीं छूटेगा !

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Manas
    10 फ़रवरी 2018
    बड़े स्तंभकार को अपनी कथाओं में भी वही शैली रखने से पहचान जाना सहज है
  • author
    27 जून 2017
    बाकि सब तो धुंधला है बस तेरी थपकी याद रह गई ... वाह
  • author
    Pratibha Pareek
    11 जून 2021
    प्यार तो प्यार ही है l चाहे मिले या नही l साथ साथ हो तो क्या कहने
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    Manas
    10 फ़रवरी 2018
    बड़े स्तंभकार को अपनी कथाओं में भी वही शैली रखने से पहचान जाना सहज है
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    27 जून 2017
    बाकि सब तो धुंधला है बस तेरी थपकी याद रह गई ... वाह
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    Pratibha Pareek
    11 जून 2021
    प्यार तो प्यार ही है l चाहे मिले या नही l साथ साथ हो तो क्या कहने