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तुम बिन जिया जाए ना

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तुम बिन जीया जाए कैसे . जब से अपर्णा अमन से लड़झगड़ कर अपने मायके चली गई थी तब से अमन खुद को दुनिया का सब से खुशहाल इनसान समझने लगा था. अब घर में न तो उसे कोई कुछ कहने वाला था और न ही हुक्म चलाने ...

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लेखक के बारे में
author
मिथलेश Kumar

⛳⚜️जय श्री राम⚜️⛳

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Thakur Kiran Singh
    18 अक्टूबर 2021
    वाह भईया बहुत ही खूबसूरत कहानी एक बिखरते घर को सजोने तक...ऐसा ही है जीवन।सब कुछ जान बूझ कर भी हम अनजान बनते हैं।और फिर देर सवेर गलती समझ आ ही जाती हैं।👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    Anamika
    04 फ़रवरी 2022
    सच में पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है। कितना भी लड़ झगड़ ले एक दूसरे के बगैर अधूरे होते है। बहुत अच्छी रचना😊
  • author
    Monika Rani
    26 नवम्बर 2023
    bhut hi sunder rachna....sach kaha aapne...shadi ke bad pati ki 4 bate sunna achha h...bhabhi or padosiyo ki 400 bato ki tulna me...
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    Thakur Kiran Singh
    18 अक्टूबर 2021
    वाह भईया बहुत ही खूबसूरत कहानी एक बिखरते घर को सजोने तक...ऐसा ही है जीवन।सब कुछ जान बूझ कर भी हम अनजान बनते हैं।और फिर देर सवेर गलती समझ आ ही जाती हैं।👌👌👌💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
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    Anamika
    04 फ़रवरी 2022
    सच में पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है। कितना भी लड़ झगड़ ले एक दूसरे के बगैर अधूरे होते है। बहुत अच्छी रचना😊
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    Monika Rani
    26 नवम्बर 2023
    bhut hi sunder rachna....sach kaha aapne...shadi ke bad pati ki 4 bate sunna achha h...bhabhi or padosiyo ki 400 bato ki tulna me...