पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं, तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैl समाज में बदस्तूर, पहले देवी तो कभी लक्ष्मी बना कर, सम्मान से,बड़े रुतबे के साथ बैठाकर, पूजी ...
मेरी कई रचनाये समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं lमेरी सभी रचनाएँ कापीराईट एक्ट के तहत सुरक्षित है ..तो उनका बिना मेरी अनुमति के प्रयोग अमान्य है l
शालिनी गुप्ता
"प्रेमकमल"
सारांश
मेरी कई रचनाये समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं lमेरी सभी रचनाएँ कापीराईट एक्ट के तहत सुरक्षित है ..तो उनका बिना मेरी अनुमति के प्रयोग अमान्य है l
शालिनी गुप्ता
"प्रेमकमल"
एक औरत के साथ क्या होता उसे किन हालातों मे बड़ा किया जाता है एक औरत ही इसकी जिम्मेदार होती है क्योंकि जो उसके साथ हुआ वही वह अपनी बेटी को सिखाती है और और यही परम्परायें पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
इसमें मेरा क्या कसूर (मैं नारी हूँ ) और मैं औरत हूँ मैने भी इस पर बहुत लिखा है कभी समय मिले तो पढ़ली जिगा
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एक औरत के साथ क्या होता उसे किन हालातों मे बड़ा किया जाता है एक औरत ही इसकी जिम्मेदार होती है क्योंकि जो उसके साथ हुआ वही वह अपनी बेटी को सिखाती है और और यही परम्परायें पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
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