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तुम औरत हो समझो जरा!!

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पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं, तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैl समाज में बदस्तूर, पहले देवी तो कभी लक्ष्मी बना कर, सम्मान से,बड़े रुतबे के साथ बैठाकर, पूजी ...

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लेखक के बारे में

मेरी कई रचनाये समाचार पत्र और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं lमेरी सभी रचनाएँ कापीराईट एक्ट के तहत सुरक्षित है ..तो उनका बिना मेरी अनुमति के प्रयोग अमान्य है l शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kiran Singh
    14 जून 2022
    एक औरत के साथ क्या होता उसे किन हालातों मे बड़ा किया जाता है एक औरत ही इसकी जिम्मेदार होती है क्योंकि जो उसके साथ हुआ वही वह अपनी बेटी को सिखाती है और और यही परम्परायें पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। इसमें मेरा क्या कसूर (मैं नारी हूँ ) और मैं औरत हूँ मैने भी इस पर बहुत लिखा है कभी समय मिले तो पढ़ली जिगा
  • author
    indu sharma
    06 नवम्बर 2021
    बेमिसाल लाजवाब यथार्थ लेखन ✍️👏👏👏👏👌👍🏼💐😷🇮🇳🇮🇳🇮🇳
  • author
    Vinay Sinha
    01 नवम्बर 2021
    बहुत सारगर्भित रचना लिखी है आपने
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    Kiran Singh
    14 जून 2022
    एक औरत के साथ क्या होता उसे किन हालातों मे बड़ा किया जाता है एक औरत ही इसकी जिम्मेदार होती है क्योंकि जो उसके साथ हुआ वही वह अपनी बेटी को सिखाती है और और यही परम्परायें पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। इसमें मेरा क्या कसूर (मैं नारी हूँ ) और मैं औरत हूँ मैने भी इस पर बहुत लिखा है कभी समय मिले तो पढ़ली जिगा
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    indu sharma
    06 नवम्बर 2021
    बेमिसाल लाजवाब यथार्थ लेखन ✍️👏👏👏👏👌👍🏼💐😷🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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    Vinay Sinha
    01 नवम्बर 2021
    बहुत सारगर्भित रचना लिखी है आपने