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तुम आदि हो तुम अन्त हो

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तुम आदि हो तुम अन्त हो तुम शाश्वत हो तुम अनंत हो । तुम  ज्ञान हो  तुम  असीम हो  तुम  सगुण हो तुम निर्गुण हो । तुम  बाल रूप कृष्ण हो तुम मर्यादित श्री राम हो  । तेरा साकार रुप सगुण है तेरा ...

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लेखक के बारे में
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Santwana Mishra
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    sushma gupta
    13 फ़रवरी 2022
    नाम बदल गये मगर पुकार सभी की एक है...., 🌹🌹 बहुत ही सुंदर सार्थक रचना
  • author
    23 जनवरी 2022
    सुंदर लिखा आप ने ✍️👌👌👌👌👌🌹🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
  • author
    15 जनवरी 2022
    बहुत अच्छी बात कही आपने। ईश्वर एक है
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  • author
    sushma gupta
    13 फ़रवरी 2022
    नाम बदल गये मगर पुकार सभी की एक है...., 🌹🌹 बहुत ही सुंदर सार्थक रचना
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    23 जनवरी 2022
    सुंदर लिखा आप ने ✍️👌👌👌👌👌🌹🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫
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    15 जनवरी 2022
    बहुत अच्छी बात कही आपने। ईश्वर एक है