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तूलिका

13206
4.5

“अरे...यह क्या कर रहे हो...छोड़ो न...” “कुछ नहीं...सच तो यह है कि तुम्हारी इन लटों को सुलझाना...उफ्फ जाने क्या हो जाता है मुझे तुम्हें इस रूप में देखकर…” “हटो भी...हर समय मुझे छूने का मौका ...