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तुझ्याविणा मला करमत नाही

4.7
11

अब तो शाम होने आयी मौसम ने भी ली अंगडाई लहरे आ गयी किनारे पर पर,अबतक तुम नही आयी कब से तेरा इंतजार,सांसे रूक गयी लहरे कानों में आकर हरबार कह रही कहा है तेरी मेहबूबा,कहा है तेरी रोशनी सूरज की ...

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समीक्षा
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  • author
    Sangita Tathod
    06 फ़रवरी 2023
    क्या बात है जी 👌👌🍬🍬🍬 जबरदस्त लिखाण
  • author
    🍁
    06 फ़रवरी 2023
    खूप खूप सुंदर लिहलत अप्रतिम 👌👌✍️✍️👍👍🍁🍁
  • author
    Megha Arbuj
    06 फ़रवरी 2023
    खूपचं छान ✍🏻✍🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
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    Sangita Tathod
    06 फ़रवरी 2023
    क्या बात है जी 👌👌🍬🍬🍬 जबरदस्त लिखाण
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    🍁
    06 फ़रवरी 2023
    खूप खूप सुंदर लिहलत अप्रतिम 👌👌✍️✍️👍👍🍁🍁
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    Megha Arbuj
    06 फ़रवरी 2023
    खूपचं छान ✍🏻✍🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻