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तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे

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तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे मेरी इस इबादत पर गुरूर है मुझे तुझे अपने लफ्जो मे छुपा कर रखूँगा तुझे अपनी शायरी मे बसा कर रखूँगा चाँद सी है तू तेरी चांदनी नही मे खुद को जमीं बना कर रखूँगा!!!! ...

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Shubham Jaiswal
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    🖤SaNdHyA VeRmA🖤
    25 जून 2024
    very nice lines
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    25 जून 2024
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