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तू नहीं और सही , और नहीं और सही

4.4
13022

छत पर खड़ी थी । इधर उधर नज़र दौड़ाई तो देखा । बाज़ू वाली छत पर एक लड़की खड़ी किसी को हाथ से कुछ इशारा कर रही थी । उत्सुकता हुई कि देखूँ कौन है जिसको इशारा कर रही है । ओह , तो यह बात थी , सामने की ...

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लेखक के बारे में
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अन्नदा पाटनी
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    27 फ़रवरी 2018
    बढ़िया .... पहले बोलो " नो " फिर भी न माने तो उसे दो "धो "
  • author
    Lekha Chaudhary
    02 जून 2018
    बहुत अच्छी और रीयलिस्टिक कहानी है , पर आप किरदारों के नाम मे थोड़ा ध्यान रखिये , मॉल में जब रिया के साथ समीर था तो उसने मेन लीड का नमिता कह कर परिचय कराया जबकि नमिता तो पहले वाली लड़की थी ।
  • author
    Priyanka tiwari
    19 मार्च 2018
    kya baat h vartmaan ka marmimk ar bhavnatmk sacchh ......to yhi h "Patni Ji "
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    27 फ़रवरी 2018
    बढ़िया .... पहले बोलो " नो " फिर भी न माने तो उसे दो "धो "
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    Lekha Chaudhary
    02 जून 2018
    बहुत अच्छी और रीयलिस्टिक कहानी है , पर आप किरदारों के नाम मे थोड़ा ध्यान रखिये , मॉल में जब रिया के साथ समीर था तो उसने मेन लीड का नमिता कह कर परिचय कराया जबकि नमिता तो पहले वाली लड़की थी ।
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    Priyanka tiwari
    19 मार्च 2018
    kya baat h vartmaan ka marmimk ar bhavnatmk sacchh ......to yhi h "Patni Ji "