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तु मेरी रूह में बसा है

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कैसे बताऊँ की कितनी फिक्र है तेरी, सुबह शाम हर दुआ में जिक्र है तेरी। डरता है दिल हर समय कहीं तुझे कुछ हो न जाए, डरता है दिल हर समय कहीं तु दुनिया की भीड़ में खो न जाए। मुसीबत तुझ पर आतीं हैं धड़कनें ...

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लेखक के बारे में
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Swati singh

जिन्दगी में बहुत समझौते किये हमने, कुछ ख्वाब देखे नहीं और कुछ को पुरा करने की शर्त नहीं रखी।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    R
    03 जनवरी 2022
    👌💕
  • author
    Rajesh Jangir "राज"
    03 जनवरी 2022
    👌👌👌
  • author
    Abhi Thakur
    03 जनवरी 2022
    very nice 👍👍👌👌
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    03 जनवरी 2022
    👌💕
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    Rajesh Jangir "राज"
    03 जनवरी 2022
    👌👌👌
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    Abhi Thakur
    03 जनवरी 2022
    very nice 👍👍👌👌