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तू बाम्हन, मैं कासी का जोलहा

4.2
3144

हिन्दू समाज के पतनोन्मुख काल में कबीरदास का आविर्भाव हुआ था। ब्र्राह्मण वर्ण जहाँ सिद्धांततः एकता तथा समानता का हामी था वही व्यवहारतः वर्ण-व्यवस्था का पोषक था। उस समय देष में विभिन्न साधना-पद्धतियों ...

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लेखक के बारे में

लेखन जिसके लिए संजीवनी है, पढ़ना असंख्य मनीषियों की संगति, किताबें मंदिर और लेखक उस मंदिर के देव-देवी। कठकरेज’ (कहानी संग्रह) तथा मैथिली भोजपुरी अकादमी, दिल्ली से ‘जिनगी रोटी ना हऽ’ (कविता संग्रह), 'सम्भवामि युगे युगे' (लेख-संग्रह) व 'ऑनलाइन ज़िन्दगी' (कहानी संग्रह) प्रकाशित हो चुकी है। साझा काव्य संग्रह ‘पंच पल्लव’ और 'पंच पर्णिका' का संपादन भी किया है। वर्ण-पिरामिड का साझा-संग्रह ‘अथ से इति-वर्ण स्तंभ’ तथा ‘शत हाइकुकार’ हाइकु साझा संग्रह में आ चुके हैं। साहित्यकार श्री रक्षित दवे द्वारा अनुदित इनकी अट्ठाइस कविताओं को ‘वारंवार खोजूं छुं’ नाम से ‘प्रतिलिपि डाॅट काॅम’ पर ई-बुक भी है। आकाशवाणी और कई टी.वी. चैनलों से निरंतर काव्य-कथा पाठ प्रसारित होते रहने के साथ ही ये अपने गृहनगर में साहित्यिक संस्था ‘संवाद’ का संयोजन करते रहे हैं। इन्होंने हिंदी टेली फिल्म ‘औलाद, लघु फिल्म ‘लास्ट ईयर’ और भोजपुरी फिल्म ‘कब आई डोलिया कहार’ के लिए पटकथा-संवाद और गीत लिखा है। ये अबतक लगभग तीन दर्जन नाटकों-लघुनाटकों का लेखन और निर्देशन कर चुके हैं। वर्तमान में कई पत्रिकाओं के संपादक मंडल से जुड़े हुए हैं। साल 2002 से हिंदी शिक्षण और पाठ्यक्रम निर्माण में संलग्न हैं तथा वर्तमान में दिल्ली परिक्षेत्र में शिक्षण-कार्य करते हुए स्वतंत्र लेखन करते हैं। ये विश्व-पटल पर छात्रों को आॅनलाइन हिंदी पढ़ाते हैं। राजापुरी, उत्तम-नगर, नई दिल्ली

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Indian Lovers
    03 மே 2020
    जाति धर्म का बेद हटाओ पूरे विश्व को एक बनाओ
  • author
    Banty kumar
    21 டிசம்பர் 2018
    आपने सहज एवम् सरल रूप में कबीर जी को समझाया।आपको सहिरदय धन्यवाद
  • author
    Sonu Saurabh
    25 அக்டோபர் 2018
    अतिसुंदर रचना है ।।
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    Indian Lovers
    03 மே 2020
    जाति धर्म का बेद हटाओ पूरे विश्व को एक बनाओ
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    Banty kumar
    21 டிசம்பர் 2018
    आपने सहज एवम् सरल रूप में कबीर जी को समझाया।आपको सहिरदय धन्यवाद
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    Sonu Saurabh
    25 அக்டோபர் 2018
    अतिसुंदर रचना है ।।