pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

त्रिया चरित्र

4.8
118

त्रिया चरित्र जाने नहीं कोई । खसम मार कर "सती" होई ।।  यह कहावत कोई ऐसे ही नहीं बनी है । इसके पीछे एक लंबी कहानी है । इस कहावत का अर्थ है कि स्त्री का चरित्र एक अबूझ पहेली है , उसे कोई नहीं जान ...

अभी पढ़ें

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में
author
श्री हरि

हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।। गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    geeta srivastava
    09 ജനുവരി 2023
    कहानी अच्छी लगी लेकिन एक चीज समझ में नहीं आया कि दोनों स्त्रियों ने गलती की थी उसमें कम से कम दो पुरुष भी शामिल होगें तो राजा ने सिर्फ स्त्रियों के हीं नाक कान क्यों काटे?
  • author
    shashi kala
    09 ജനുവരി 2023
    नमस्कार सर, बहुत सुन्दर ज्ञान वर्धक कहानी है। संस्कृत में भी स्त्री चरित्रम पुरूषस्य भाग्यं देवो न जाने कुतो मनुष्य। स्त्री का चरित्र और पुरुष का भाग्य देवता भी नहीं सके तो मनुष्य तो बहुत दूर कहां जान सकता है। आशिकी हरियाणा के खेल मंत्री पर पड़ गई भारी।
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    09 ജനുവരി 2023
    आज का नजारा शायद ऐसे ही राज्य की परिकल्पना पर हैं।। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    geeta srivastava
    09 ജനുവരി 2023
    कहानी अच्छी लगी लेकिन एक चीज समझ में नहीं आया कि दोनों स्त्रियों ने गलती की थी उसमें कम से कम दो पुरुष भी शामिल होगें तो राजा ने सिर्फ स्त्रियों के हीं नाक कान क्यों काटे?
  • author
    shashi kala
    09 ജനുവരി 2023
    नमस्कार सर, बहुत सुन्दर ज्ञान वर्धक कहानी है। संस्कृत में भी स्त्री चरित्रम पुरूषस्य भाग्यं देवो न जाने कुतो मनुष्य। स्त्री का चरित्र और पुरुष का भाग्य देवता भी नहीं सके तो मनुष्य तो बहुत दूर कहां जान सकता है। आशिकी हरियाणा के खेल मंत्री पर पड़ गई भारी।
  • author
    Sandip Sharmaz . Sharmaz "Lucky"
    09 ജനുവരി 2023
    आज का नजारा शायद ऐसे ही राज्य की परिकल्पना पर हैं।। जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जी।।