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त्रिपुरारी

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हे त्रिपुरारी नीलकंठ महादेव, जग हितकारी अविकारी प्रभु। नागपाश गले में साजे तुम्हरे, सिर पे गंगे और चंद्र प्रभु।। 💐💐💐💐💐💐💐💐 संग गौरा गणेश कार्तिकेय, पर्वत कैलाश विराजै प्रभु। आयो श्रावण मास ...

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लेखक के बारे में
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अनुपमा वर्मा

पूर्व में प्राईवेट स्कूल, कॉलेज में शिक्षिका रह चुकी हूं। किन्तु अब गृहणी हुं। लिखने, पढ़ने का शौक इसलिए प्रतिलिपि से जुड़ी हुई हूं। साथ ही कविताओं के माध्यम से मेघदूत साहित्यिक संस्था से भी जुड़ी हुई हूं। सादर अभिवादन अनुपमा वर्मा रायबरेली

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vivek Rastogi
    19 फ़रवरी 2023
    अद्भुत अविरल कविता 🚩🚩🔱हर हर महादेव🔱🚩🚩
  • author
    14 फ़रवरी 2023
    महादेव की सुन्दर स्तुति। जय महादेव! 🙏
  • author
    14 फ़रवरी 2023
    बहुत सुंदर
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    Vivek Rastogi
    19 फ़रवरी 2023
    अद्भुत अविरल कविता 🚩🚩🔱हर हर महादेव🔱🚩🚩
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    14 फ़रवरी 2023
    महादेव की सुन्दर स्तुति। जय महादेव! 🙏
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    14 फ़रवरी 2023
    बहुत सुंदर