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त्रिकोण प्रेम

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तीन तिगाड़ा काम बिगड़ा कहावत है बहुत पुरानी है एक अच्छा है दो उससे अच्छे हैं तीन आते ही काम बिगड़ जाता है। जब हम पढ़ते थे तो कहते थे कि एक ही नींद दो की पढ़ाई तीन का शोर चार की लड़ाई अर्थात जहां ...

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लेखक के बारे में
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baldev singh verma verma
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Balram Soni
    14 अक्टूबर 2022
    त्रिकोणीय प्रेम को लेकर के बढ़िया बेहतरीन लाजवाब विचारों को लिखा हैं,सराहनीय लेखन👌🌷💐🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
  • author
    14 अक्टूबर 2022
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने सर जी सुंदर अतिसुंदर विचार प्रस्तुत किया आपने 🙏 राधे-राधे 🙏🥀🥀🥀🌺🥀🥀🥀
  • author
    Sss
    14 अक्टूबर 2022
    त्रिकोण प्रेम की भयावहता से रूबरू कराती सुंदर प्रस्तुति।
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    Balram Soni
    14 अक्टूबर 2022
    त्रिकोणीय प्रेम को लेकर के बढ़िया बेहतरीन लाजवाब विचारों को लिखा हैं,सराहनीय लेखन👌🌷💐🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏
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    14 अक्टूबर 2022
    बेहद खूबसूरत रचना लिखा आपने सर जी सुंदर अतिसुंदर विचार प्रस्तुत किया आपने 🙏 राधे-राधे 🙏🥀🥀🥀🌺🥀🥀🥀
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    Sss
    14 अक्टूबर 2022
    त्रिकोण प्रेम की भयावहता से रूबरू कराती सुंदर प्रस्तुति।