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आस्तीन के सांप

4.6
1011

देखकर हमारी शहादत जिनको खुशी मिलती है है अपना पर शक्ल पड़ोसी से उसकी मिलती है ऐसा भी नही है की मालूम न हो ठिकाना उसका पर सियासत के दिल में वोटों की बेबसी मिलती है अजब रिवायत है इस शहर की, वफाओं को ...

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लेखक के बारे में
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सौरभ

उपेक्षित हृदय की पुकार हूँ, साहब मैं एक व्यंग्यकार हूँ ....

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    गंगा राम
    08 नवम्बर 2024
    ("बहुत बेहतरीन और शानदार रचना, अगर आपको समय मिले तो मेरी रचनाओं को भी अवश्य पढ़े.")
  • author
    18 जुलाई 2017
    वाह वाह लाजवाब जनाब... बहुत खतरनाक होते हैं ये आस्तीन के सांप... ?
  • author
    Mohan Lal Garg
    24 अप्रैल 2020
    Very nice Aapki Gajal . . Thanks
  • author
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    गंगा राम
    08 नवम्बर 2024
    ("बहुत बेहतरीन और शानदार रचना, अगर आपको समय मिले तो मेरी रचनाओं को भी अवश्य पढ़े.")
  • author
    18 जुलाई 2017
    वाह वाह लाजवाब जनाब... बहुत खतरनाक होते हैं ये आस्तीन के सांप... ?
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    Mohan Lal Garg
    24 अप्रैल 2020
    Very nice Aapki Gajal . . Thanks