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तूफान में कश्ती......

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वे और लोग होंगे, जो डर डर के जीते हैं यहां , मुझे तो हर घड़ी नहीं चुनौतियों का इंतजार है...... तूफान से टकरा कर किनारे लगी है कश्ती मेरी, अब तो समंदर की लहरों से बहुत प्यार है..... मैं अब नहीं उलझी ...

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लेखक के बारे में
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Pinky Mishra

धरा सा धैर्य है हम में, हृदय अम्बर सा है पाया हम में पले जीवन, हम ही तो हैं इनकी जाया ।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Raziya Khatoon.
    23 जून 2021
    बेहद खुबसूरत लिखा है आपने..... शब्दो और भावनाओ का बेहतरीन समन्वय स्थापित किया है आपसे गुजारिश है मेरी भी रचना को पढ़ कर अपना अनुभव साझा करे धन्यवाद। https://hindi.pratilipi.com/story/कौन-किसका-और-क्या-wvadahghegps?utm_source=android
  • author
    UMA SHARMA "अर्तिका"
    23 जून 2021
    शानदार अभिव्यक्ति 👌
  • author
    23 जून 2021
    वाह वाह
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    Raziya Khatoon.
    23 जून 2021
    बेहद खुबसूरत लिखा है आपने..... शब्दो और भावनाओ का बेहतरीन समन्वय स्थापित किया है आपसे गुजारिश है मेरी भी रचना को पढ़ कर अपना अनुभव साझा करे धन्यवाद। https://hindi.pratilipi.com/story/कौन-किसका-और-क्या-wvadahghegps?utm_source=android
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    23 जून 2021
    शानदार अभिव्यक्ति 👌
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    23 जून 2021
    वाह वाह