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तूफान

3.9
2058

हरदिन की तरह आज भी पूनम घर आकर चिढ़चिढ़ाने लगी। "आजकल बच्चो में संस्कार और मर्यादाएं लगता है बची ही नही,पता नही कैसे माँ बाप है, कुछ नही कहते बच्चो को ,इतना भी क्या सर चढ़ाना।" मम्मी की बड़बड़ाहट,उठापटक ...

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लेखक के बारे में
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नेहा नाहटा
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mithlesh verma
    08 अप्रैल 2021
    कहानी में कुछ मिसिंग है
  • author
    Sudha Agarwal
    11 नवम्बर 2017
    adoori story maja nahi aaya
  • author
    03 नवम्बर 2020
    सुंदर लेकिन अधूरी।
  • author
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    Mithlesh verma
    08 अप्रैल 2021
    कहानी में कुछ मिसिंग है
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    Sudha Agarwal
    11 नवम्बर 2017
    adoori story maja nahi aaya
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    03 नवम्बर 2020
    सुंदर लेकिन अधूरी।