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"तोल मोल के बोल"

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बात उन दिनों की है, जब पीटर और थॉमस एक ही मोहल्ले के, एक ही मकान में क्रमशःपहली और दूसरी मंजिल पर रहा करते थे l वैसे तो दोनों का संबंध मकान मालिक और किराएदार का था। परंतु दोनों में आपसी प्यार और ...

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लेखक के बारे में
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मीनू वर्मा

हिन्दी साहित्य से बेपनाह प्यार करती हूं। साहित्य के सागर की एक ऐसी बूंद बनाना चाहती हूं जो अपनी शीतलता से जन- जीवन में शांति व खुशियों का संचार कर सके। आपसब से सहयोग की अपेक्षा रखती हूं 🙏🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Rawat Panwar
    06 નવેમ્બર 2020
    सही कहा आपने एक छोटी सी भूल खूबसूरत रिश्तो को खराब कर सकती है ।बहुत ही सुंदर कहानी 🙏🙏💐
  • author
    Bhawana Bhatt
    06 નવેમ્બર 2020
    बिलकुल सही कहा आपने छोटी सी भूल रिश्ते खराब करने के लिए बहुत बड़ी होती है 👌
  • author
    डी आर महतो "मनु"
    06 નવેમ્બર 2020
    बिल्कुल सार्थक बात कही आपने। तोल मोल कर बोल। वाणी ही आपको पहचान कराती है।
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    Poonam Rawat Panwar
    06 નવેમ્બર 2020
    सही कहा आपने एक छोटी सी भूल खूबसूरत रिश्तो को खराब कर सकती है ।बहुत ही सुंदर कहानी 🙏🙏💐
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    Bhawana Bhatt
    06 નવેમ્બર 2020
    बिलकुल सही कहा आपने छोटी सी भूल रिश्ते खराब करने के लिए बहुत बड़ी होती है 👌
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    डी आर महतो "मनु"
    06 નવેમ્બર 2020
    बिल्कुल सार्थक बात कही आपने। तोल मोल कर बोल। वाणी ही आपको पहचान कराती है।