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तिश्यरक्षिता

4.9
36

जाना तो अवश्यमभावी है,चाहे चर हो या अचर।एक स्थान खाली होता है तो अगला उस स्थान को ग्रहण करता ही है । कई राजवंश आए कई गए । उनके  जाने और पतन के भी कई कारक पहले से ही तैयार होते हैं। आज  बात करते ...

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लेखक के बारे में
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sangeeta singh

अरबों की आबादी में अपने अस्तित्व को तलाशती ,कहानियां लिखना,नई नई जानकारियां तलाशना।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    25 दिसम्बर 2022
    ये कहानी प्रागैतिहासिक काल की है जिसके सभी तथ्य सत्य है।कहानी को रोचक बनाने हेतु कुछ काल्पनिक चरित्र अवश्य होगा परंतु वो कल्पनाएं सत्य प्रतीत होते है निश्चय ही ऐसा ही हुआ होगा। लिखने की शैली अत्यंत आकर्षित करने वाली है। बहुत सुन्दर प्रस्तुति उत्कृष्ट
  • author
    श्री हरि
    03 जनवरी 2023
    बहुत सुंदर ऐतिहासिक आख्यान लिखा है आपने । इसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है पर इतिहास की दृष्टि से संभवत: प्रमाणित नहीं है । यद्यपि बौद्ध साहित्य में तिष्यरक्षिता का उल्लेख है । आपके लेखन और शैली को नमन है ।
  • author
    Singhh Pams "Singhh Pams"
    11 जनवरी 2023
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने बहुत ही वढीया रचना लाजवाब है आपकी भावनायें बहुत ही सुंदर प्रस्तुति 🍁🌷💐🌺👏🏽👏🏽🌻🌷🌷💐👏🏽👏🏽🌻🌻
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    25 दिसम्बर 2022
    ये कहानी प्रागैतिहासिक काल की है जिसके सभी तथ्य सत्य है।कहानी को रोचक बनाने हेतु कुछ काल्पनिक चरित्र अवश्य होगा परंतु वो कल्पनाएं सत्य प्रतीत होते है निश्चय ही ऐसा ही हुआ होगा। लिखने की शैली अत्यंत आकर्षित करने वाली है। बहुत सुन्दर प्रस्तुति उत्कृष्ट
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    श्री हरि
    03 जनवरी 2023
    बहुत सुंदर ऐतिहासिक आख्यान लिखा है आपने । इसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है पर इतिहास की दृष्टि से संभवत: प्रमाणित नहीं है । यद्यपि बौद्ध साहित्य में तिष्यरक्षिता का उल्लेख है । आपके लेखन और शैली को नमन है ।
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    Singhh Pams "Singhh Pams"
    11 जनवरी 2023
    बहुत ही सुंदर लिखा है आपने बहुत ही वढीया रचना लाजवाब है आपकी भावनायें बहुत ही सुंदर प्रस्तुति 🍁🌷💐🌺👏🏽👏🏽🌻🌷🌷💐👏🏽👏🏽🌻🌻