हम ना!. आपकी रचना से,,प्यार करते हैं..और आपसे भी,,, कहना तो चाहते थे...बहुत पहले मगर!..सर था कहीं तुम,,रूठ न जाओ..!इसलिए भी,,कभी टिप्पणी न की,,अब जब..मैं !हाँ ..मैं जाने जाने लगा लगा हूँ,,,,इस लेखन ...
* शब्द की टोली मेरे घर खेलते हैं और आंगन में बैठ!मज़े लेता हूँ😜🤣🤣 बस!हंसने हँसाने को,बहाने ढूंढता हूं😛
*किसी उदास चेहरे को हंसा पाऊं,तो मेरा सौभाग्य होगा।
●मेरी रचना से छेड़छाड़/चोरी करने पर जेल जाने तैयार रहें।
◆संदीप साहू"प्रणय" ◆ भिलाई(छत्तीसगढ़)◆
सारांश
* शब्द की टोली मेरे घर खेलते हैं और आंगन में बैठ!मज़े लेता हूँ😜🤣🤣 बस!हंसने हँसाने को,बहाने ढूंढता हूं😛
*किसी उदास चेहरे को हंसा पाऊं,तो मेरा सौभाग्य होगा।
●मेरी रचना से छेड़छाड़/चोरी करने पर जेल जाने तैयार रहें।
◆संदीप साहू"प्रणय" ◆ भिलाई(छत्तीसगढ़)◆
रिपोर्ट की समस्या
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