बात उन दिनों की जब मैं 11 में था, तब मैं नव युवक था, नई जवानी नई उमंग थी। प्यार मोहोब्बत के गाने सुनना, फिल्मे देखना हसीन सपने देखना, जैसा की किशोरावस्था में होता है, सब पसंद था। मेरे पिता जी के ...
वाहजी, टॉपिक पर लिखा लेख वाक़ई, लाज़वाब, बेहतरीन अभिव्यक्ति जी ज़नाब। उम्दा लेखन करते हैं आपजी।
तेरे रब्बी इश्क का बेहद हसीन एहसास है।
शुकर है कि नित सदा ही तू तो मेरे पास है।
तुझसे उल्फ़त दिवानगी बन गई है 'मोहन'।
जिंदगी की हर श्वास में सिर्फ तेरा विश्वास है।
हमने भी टॉपिक पर रचना लिखी है, कृपया पढ़कर समुचित समीक्षा अवश्य करें।
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