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थेंक यु

4.6
1518

अनजाने को जान बना देने वाली कहानी - Thank You

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लेखक के बारे में
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संजय कुमार

महाभारतकालीन संजय की तरह ही दीर्घ दृष्टि, असीम कल्पनाशक्ति और विचारशक्ति के धनी संजय विद्याप्राप्ति में स्नातक तक पढ़े हैं । कहानी, नाटक और सिनेमा उनके प्रिय क्षेत्र है । अपने विचार और कल्पनाशक्ति को कहानी के स्वरूप में परिवर्तित करने का वे बचपन से ही प्रयास करते आए हैं । 'फिर प्यार हो गया' स्वार्थ और त्याग आधारित कथा को प्रस्तुत करनेवाला यह उनका प्रथम पुस्तक है । । 'फिर प्यार हो गया' उनके मन में उद्दीप्त कल्पनाशक्ति और लेखनक्षमता का परिणाम है । इस प्रयास में उनकी सफलता ही उनके प्रयत्नों का प्रतिसाद है ।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ankit Maharshi
    23 मे 2018
    उम्दा कहानी संजय जी। मैं फिर से कहता हूँ कि 5 से 10 मिनट की शार्ट मूवीस के लिए आपकी कहानियां परफेक्ट होती है।इसमे कुछ वर्तनी की गलतियां है जैसे इकलौता को एक लोटा लिखा गया है,, उनको दूर कर लीजिये।वाकई बेहतरीन लिखते हैं आप।
  • author
    Arun
    28 जुन 2019
    कहानी तो बहुत अच्छी है, लेकिन ऐसा केस शायद ही लाखो में होता है,और इतनी आसानी से होता भी नहीं
  • author
    Mukesh Verma
    28 मार्च 2020
    कहानी अच्छी है लेकिन भाषा अशुद्ध है।कृपया इस पर ध्यान दें।
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    Ankit Maharshi
    23 मे 2018
    उम्दा कहानी संजय जी। मैं फिर से कहता हूँ कि 5 से 10 मिनट की शार्ट मूवीस के लिए आपकी कहानियां परफेक्ट होती है।इसमे कुछ वर्तनी की गलतियां है जैसे इकलौता को एक लोटा लिखा गया है,, उनको दूर कर लीजिये।वाकई बेहतरीन लिखते हैं आप।
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    Arun
    28 जुन 2019
    कहानी तो बहुत अच्छी है, लेकिन ऐसा केस शायद ही लाखो में होता है,और इतनी आसानी से होता भी नहीं
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    Mukesh Verma
    28 मार्च 2020
    कहानी अच्छी है लेकिन भाषा अशुद्ध है।कृपया इस पर ध्यान दें।