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ठंडा गोश्त

3.9
95522

ईश्वरसिंह ज्यों ही होटल के कमरे में दांखिला हुआ, कुलवन्त कौर पलंग पर से उठी। अपनी तेज-तेज आँखों से उसकी तरफ घूरकर देखा और दरवाजे की चिटखनी बन्द कर दी। रात के बारह बज चुके थे। शहर का वातावरण एक अजीब ...

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लेखक के बारे में
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सआदत हसन मंटो

सआदत हसन मंटो ,( जन्म:11 मई, 1912, समराला, पंजाब; मृत्यु: 18 जनवरी, 1955, लाहौर) कहानीकार और लेखक थे। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे।

समीक्षा
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  • author
    Sardar ji
    15 अगस्त 2018
    मंटो ने अपनी घटिया मानसिकता का अच्छा परिचय दिया है और बंटवारे का जो दर्द हिन्दू और सिखों ने सहा उसे दबा कर अपनी कौम को क्लीन चिट देने का काम किया और जो अलग पाकिस्तान लेने के लिए जो कत्लेआम उन्होंने किया उसे छिपाने का प्रयास किया और दुसरे धर्म के लोगों को छः लोगों का कातिल लिख दिया (घटिया सोच)
  • author
    15 अगस्त 2018
    ये एक कम रेटिंग भी उसकी वजह से है जिसने इस कहानी को यहाँ प्रतिलिपि पर छापा. इतनी अच्छी कहानी को कम से कम चार बार प्रूफ रीड करना चाहिए. उर्दू शब्दों के साथ छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए थी! कहानी की आत्मा हर लेते हो जब बालाई होंठों को उपरी होंठ लिखते हो! ये ध्यान में रखो जो मंटो को पढ़ने का खतरा मोल लेगा वो उर्दू के शब्दों को भी ढूँढने की कोशिश करेगा!
  • author
    Prakash Srivastava
    27 मई 2018
    बंटवारे की लूट मार, औरतों लड़कियों के बलात्कार के दर्द में सनी यह कहानी उस समय की सामाजिक विघटनकारी शक्तियों के अत्याचारों को बयान करती है। इन्हीं लाशों के ढेरों पर कांग्रेस ने अपना राजनैतिक सफर तय किया है। आखिर वो भी इन लाखों हत्याओं और करोड़ों लोगों के विस्थापन के जिम्मेदार है।
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    Sardar ji
    15 अगस्त 2018
    मंटो ने अपनी घटिया मानसिकता का अच्छा परिचय दिया है और बंटवारे का जो दर्द हिन्दू और सिखों ने सहा उसे दबा कर अपनी कौम को क्लीन चिट देने का काम किया और जो अलग पाकिस्तान लेने के लिए जो कत्लेआम उन्होंने किया उसे छिपाने का प्रयास किया और दुसरे धर्म के लोगों को छः लोगों का कातिल लिख दिया (घटिया सोच)
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    15 अगस्त 2018
    ये एक कम रेटिंग भी उसकी वजह से है जिसने इस कहानी को यहाँ प्रतिलिपि पर छापा. इतनी अच्छी कहानी को कम से कम चार बार प्रूफ रीड करना चाहिए. उर्दू शब्दों के साथ छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए थी! कहानी की आत्मा हर लेते हो जब बालाई होंठों को उपरी होंठ लिखते हो! ये ध्यान में रखो जो मंटो को पढ़ने का खतरा मोल लेगा वो उर्दू के शब्दों को भी ढूँढने की कोशिश करेगा!
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    Prakash Srivastava
    27 मई 2018
    बंटवारे की लूट मार, औरतों लड़कियों के बलात्कार के दर्द में सनी यह कहानी उस समय की सामाजिक विघटनकारी शक्तियों के अत्याचारों को बयान करती है। इन्हीं लाशों के ढेरों पर कांग्रेस ने अपना राजनैतिक सफर तय किया है। आखिर वो भी इन लाखों हत्याओं और करोड़ों लोगों के विस्थापन के जिम्मेदार है।