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ठन ठन गोपाल

4.8
15

ठन ठन गोपाल क्या लिखूं में पहली कमाई सब ब्रह्म का भ्रम  दिखता है भाई दिखता है गोलगप्पे सा एहसास मुंह में जाते ही होता है जब पानी पानी हाय मेरी पहली कमाई अब तक नहीं देखी भाई परहित के नाम से ...

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लेखक के बारे में
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indu sharma

विभिन्न अकादमीयों से राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त कहानी ,नाटक , अनुवाद - लेखन I आकाशवाणी से अनेक कहानियाँ प्रसारित। विभिन्न पत्रिकाओं में श्रेष्ठ कहानियाँ ,नाटक, बालकथा, सामाजिक लेख प्रकाशित I योग्यता -हिन्दी संस्कृत भाषा में लेखन ,शिक्षाचार्या, जुनियर व सीनियर फैलोशिप प्राप्त तकनीकी ज्ञान , अध्ययन-अध्यापन एवं स्वाध्याय में रूचि , राष्ट्रीय- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर विभिन्न शोध पत्र-वाचन एवं प्रकाशन व प्रकाशक I यह सभी कहानिया प्रकाशित है सुरक्षित है

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    12 अगस्त 2023
    वाह, जीवन के अनछुए पहलुओं पर कटाक्ष करती आपकी लेखनी हमने क्या कमाया राम ही जाने, बेहतरीन सबका लेखा जोखा तो उसके ही पास है शुभकामनाएं
  • author
    MadhuBala Sharma
    12 अगस्त 2023
    अति सुंदर शानदार कविता बिल्कुल सही लिखा है ✍️✍️👌👌👍👍🤗🥰🍫🍫💐💐
  • author
    Asha garg
    12 अगस्त 2023
    बहुत ही सुंदर...प्रशंसनीय...अद्भुत सृजन 🌹❤️🌹
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    12 अगस्त 2023
    वाह, जीवन के अनछुए पहलुओं पर कटाक्ष करती आपकी लेखनी हमने क्या कमाया राम ही जाने, बेहतरीन सबका लेखा जोखा तो उसके ही पास है शुभकामनाएं
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    MadhuBala Sharma
    12 अगस्त 2023
    अति सुंदर शानदार कविता बिल्कुल सही लिखा है ✍️✍️👌👌👍👍🤗🥰🍫🍫💐💐
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    Asha garg
    12 अगस्त 2023
    बहुत ही सुंदर...प्रशंसनीय...अद्भुत सृजन 🌹❤️🌹