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भंवर

4.8
1123
सामाजिक।स्त्री-विमर्श।

एक दिन हुनरमंद संस्था का वार्षिक उत्सव मनाया जा रहा था तब कार्यक्रम के बीच में मुख्य अतिथि के पास एक महिला आकर बैठ गई।

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लेखक के बारे में
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Dr. Santosh Chahar

Love to pen some things that touch my heart.

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sheel Nigam
    12 డిసెంబరు 2018
    सुंदर कहानी। फौजी जीवन में ऐसे किस्से सुने हैं मैंने। अब तो बहुत आम है हर क्षेत्र में। रिश्ते में पवित्रता कब और कैसे भंग हो जाती है पता नहीं चलता।
  • author
    Ajay Gupta
    25 ఏప్రిల్ 2019
    कुछ लोगों की सोच होती ही ऐसी है जो अपना काम निकालने की ही सोचते हैं उसका परिणाम नहीं
  • author
    Rekha Jangra
    14 అక్టోబరు 2018
    आज के सवेंदनशील मुद्दे पर आप की ये अभिव्यक्ति सराहनीय है ओर आप का सवाल भी विचारणीय है
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    Sheel Nigam
    12 డిసెంబరు 2018
    सुंदर कहानी। फौजी जीवन में ऐसे किस्से सुने हैं मैंने। अब तो बहुत आम है हर क्षेत्र में। रिश्ते में पवित्रता कब और कैसे भंग हो जाती है पता नहीं चलता।
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    Ajay Gupta
    25 ఏప్రిల్ 2019
    कुछ लोगों की सोच होती ही ऐसी है जो अपना काम निकालने की ही सोचते हैं उसका परिणाम नहीं
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    Rekha Jangra
    14 అక్టోబరు 2018
    आज के सवेंदनशील मुद्दे पर आप की ये अभिव्यक्ति सराहनीय है ओर आप का सवाल भी विचारणीय है