pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

तारों की छांव में

4.8
31

तारों की छांव में छोटे एक गाँव मे दो प्रेमी रहा करते थे दुनिया कुछ दूर उनका ठिकाना था बस एक चांद के घर उनका आना जाना था तारों की बारात लिए जब चांद निकलता था वो प्रेमी जोड़ा भी वीराने में आ मिलता ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मैं जो जन्मा सूरज के घर लेकिन पाला अँधियारो ने, मुझे बहारों की मंजिल का पता बताया पतझारों ने

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Lalita Pandey
    11 अगस्त 2021
    बेहतरीन भावपूर्ण अनुपम रचना 👌👌👌 सच्चा प्यार कभी किसी का मुकम्मल नहीं होता।👌👌🙏💐
  • author
    11 अगस्त 2021
    अधूरी प्रेम कहानी कि मुक्कमल दास्तान चंद लफ्जों मे बयां कर दिया आपने बहुत ही लाजवाब लेखन 👌👌👌👌🙏
  • author
    Birendra Sinha
    11 अगस्त 2021
    हरएक प्यार का प्रायः यही हश्र होता है, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Lalita Pandey
    11 अगस्त 2021
    बेहतरीन भावपूर्ण अनुपम रचना 👌👌👌 सच्चा प्यार कभी किसी का मुकम्मल नहीं होता।👌👌🙏💐
  • author
    11 अगस्त 2021
    अधूरी प्रेम कहानी कि मुक्कमल दास्तान चंद लफ्जों मे बयां कर दिया आपने बहुत ही लाजवाब लेखन 👌👌👌👌🙏
  • author
    Birendra Sinha
    11 अगस्त 2021
    हरएक प्यार का प्रायः यही हश्र होता है, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,