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तन्हाई

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एक अनजान सी खामोशी, एक अनजान सी तन्हाई है, तू है, मैं हूं, फिर भी एक जुदाई है। तू ख़ुश है अपनी दुनिया में बेखबर इस कदर, देखता भी नहीं कैसी उदासी छाई है। दिल टूट के बिखरा है मीलों कुछ इस कदर, यूं ...

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लेखक के बारे में
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akanksha pandey

जज़्बात जो दफ्न हैं, सीने में मेरे। लफ्ज़ दे दू इन्हे खुद दफ्न होने से पहले।

समीक्षा
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    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    वियोग की सुंदर अभिव्यक्ति।बधाई।
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    डॉ. प्रवीण पंकज
    04 सितम्बर 2019
    वियोग की सुंदर अभिव्यक्ति।बधाई।