चाँदनी रात और मैं त़नहा चाँद नास़ूर बन के रिसता है,चाँदनी दर्द बन के फैलती है। ऐसा लगता है कि जैसे सदियों से ये हसीं तारे,ज़ख्म हों आशमां के सीने में। मेरी रग-रग में दौड़ता है ज़हरे-तन्हाई,तुम्हारी ...
जन्म 01-01-1961 एक मध्यमवर्गीय में,
शिक्षा-एम.ए.पूर्वार्ध (दर्शन शास्त्र) एल.एल.बी. वर्ष 1982
"जब-जब समाज में कुछ अच्छा-बुरा घटित होता हुआ दिखता है वही कलम के माध्यम से कागज पर उकेरता जाता है, कभी कुछ घटनायें मन में विषाद व क्षोब पैदा करती है जबकि वहीं कुछ सकारात्मक सोच मन को नवीन उर्जा प्रदान करता है साथ ही जीने के लिए एक प्रेरणा।
सारांश
जन्म 01-01-1961 एक मध्यमवर्गीय में,
शिक्षा-एम.ए.पूर्वार्ध (दर्शन शास्त्र) एल.एल.बी. वर्ष 1982
"जब-जब समाज में कुछ अच्छा-बुरा घटित होता हुआ दिखता है वही कलम के माध्यम से कागज पर उकेरता जाता है, कभी कुछ घटनायें मन में विषाद व क्षोब पैदा करती है जबकि वहीं कुछ सकारात्मक सोच मन को नवीन उर्जा प्रदान करता है साथ ही जीने के लिए एक प्रेरणा।
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या
रिपोर्ट की समस्या