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मंजिले मिल ही जाएगी एक दिन भटकते भटकते ही सही गुमराह तो वो है.जो घर से निकले ही नहीं खुशिया मिल जाएगी एक दिन ,रट रट ही सही कमजोर दिल के है वो जो हँसने की सोचते ही नही पुरे होंगे हर वो ख्वाब जो ...

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लेखक के बारे में
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आरती सिंह

दम तोड़ती ख्वाहिशे फिरसे जी उठ्ठी है। ज़िन्दगी का सच यह है की एक मौत मरने के लिए पूरी ज़िन्दगी जिनी पड़ती है।सफर काटने के लिए शब्दोंसे खेलना शुरू किया, तब हासिल हुई थी कुछ कविताएं, जो अब आपके सामने पेश है। सुना है आखिरी में सच की जीत होती है.पर सच यह है कि सच की जीत आखिर में ही होती है। ज़िन्दगी भर सच परेशान रहता है,शायद इसी लिए सच चुभता है।सच की चुभन को अगर आपने अभी तक महसूस नही किया है तो शायद अब करोगे इस उम्मीद के साथ ...

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nitish निर्जनता
    29 ജൂലൈ 2023
    लाजबाव,बेहतरीन,जबरदस्त बहुत ही खूबसूरत लिक्खें हैं आपने।
  • author
    प्रमोद सिंह
    25 ജൂണ്‍ 2020
    सुंदर पंक्ति
  • author
    ajaypatidar
    10 മാര്‍ച്ച് 2019
    Bahut khub
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Nitish निर्जनता
    29 ജൂലൈ 2023
    लाजबाव,बेहतरीन,जबरदस्त बहुत ही खूबसूरत लिक्खें हैं आपने।
  • author
    प्रमोद सिंह
    25 ജൂണ്‍ 2020
    सुंदर पंक्ति
  • author
    ajaypatidar
    10 മാര്‍ച്ച് 2019
    Bahut khub