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टकराव

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4.6

और सालों बाद जब हमारे रास्ते दोबारा टकराए, न जाने कितनी ही यादें ताज़ा हो गईं...तुम हमारे जीवन का वो सच हो जिसे हम कभी भी भुला नही पाये हमने तुम से नफरत करने की बहुत कोशिश की पर नफरत कभी भी नहीं ...