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हिन्दी

ताई

3.7
835

पड़ोस की ताई कई दिनों से दिखाई नहीं दे रही थी। मन बड़ा बेचैन था.......जिन लोगों को रोज देखते रहो उनको देखने की आंखों को आदत पड़ जाती है उनको देखे बिना चैन नहीं पड़ता। ताई सुबह-शाम अपने घर की ...

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लेखक के बारे में
author
Manju Agrawal

हिंदी मेरा प्रिय विषय है। अध्यापन कार्य में मेरी शुरू से ही रुचि रही है...... मैं हिंदी विषय की अध्यापिका थी। अब मैं सेवानिवृत्त हूं। कहानियां पढ़कर मुझे भी लिखने की प्रेरणा मिली। मैंने भी लेखन कार्य शुरू किया और इसमें मैं बहुत रुचि ले रही हूं आजकल मैं लघुकथाएं व कहानियां लिख रही हूं। कृपया मेरी रचनाएं पढ़कर अपने अनमोल विचार देकर प्रोत्साहित करें.......धन्यवाद।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Suman Prakash Agrawal
    07 जुलाई 2019
    रचना बड़ी मार्मिक व संदेश - पूर्ण है।लेखक ने बड़ी चतुराई से समझाया है कि मां का रूप ईश्वर का रूप है अतः उसका स्थान घर में है,कहीं और नहीं।
  • author
    Soni Verma
    27 जुलाई 2020
    maa h tau jeevan h
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    Suman Prakash Agrawal
    07 जुलाई 2019
    रचना बड़ी मार्मिक व संदेश - पूर्ण है।लेखक ने बड़ी चतुराई से समझाया है कि मां का रूप ईश्वर का रूप है अतः उसका स्थान घर में है,कहीं और नहीं।
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    Soni Verma
    27 जुलाई 2020
    maa h tau jeevan h