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स्वर्णरेखा भाग-5

4.7
3860

राजू सुबह उठता और जल्दी से नहा धोकर तैयार हो जाता। ज्यादा पूजा पाठ न करने वाला राजू अब अपने छोटे से पूजा घर में अगरबत्ती लगाने लगा। वो अगरबत्ती लगाने के बहाने रोज उस पत्थर को देख लेता की,  अभी ये ...

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लेखक के बारे में
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Shivraj Singh Rana

नाम-शिवराज सिंह राणा शिक्षा-बीएससी , बीएड, पीजीडीसीए निवास-ग्वालियर कार्यस्थल-मध्य प्रदेश ग्रह निर्माण मंडल लेखन - मेरे प्रोफ़ाइल में सभी रचनाएँ मेरे द्वारा स्वरचित है। यही मेरी लेखन सामग्री है। Email- [email protected] Instagram- ranashivrajsingh Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/shivraj-rana-46p0/quotes Pocket FM App पर मेरा रेडियो चैनल को सब्सक्राइब कर सकते है। https://pocketfm.app.link/ksPB7UnWFU

समीक्षा
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  • author
    Dimple Badesha
    05 ഏപ്രില്‍ 2019
    nice hai per bahut chhote part likhte hai aap pls kuchh bade likha kare kyun ki bahut intezar rehta hai
  • author
    Rajat Singh
    14 ഏപ്രില്‍ 2019
    आपने इस कहानी का लेख बहुत ही अच्छी तरह से किया, अति सुन्दर और आपकी कहानियों को पढ़कर एक अलग ही आनन्द आता है।। ...👌👍
  • author
    05 ഏപ്രില്‍ 2019
    कहानी बहुत दिलचस्प तरीके से आगे बढ रही है ... 👌 👌
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    Dimple Badesha
    05 ഏപ്രില്‍ 2019
    nice hai per bahut chhote part likhte hai aap pls kuchh bade likha kare kyun ki bahut intezar rehta hai
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    Rajat Singh
    14 ഏപ്രില്‍ 2019
    आपने इस कहानी का लेख बहुत ही अच्छी तरह से किया, अति सुन्दर और आपकी कहानियों को पढ़कर एक अलग ही आनन्द आता है।। ...👌👍
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    05 ഏപ്രില്‍ 2019
    कहानी बहुत दिलचस्प तरीके से आगे बढ रही है ... 👌 👌