pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ

5
2

कल मैंने पिज़्ज़ा बनाया, मन में थोड़ा डर था कि पता नहीं कैसा बना होगा। क्योंकि मेरे बेटे को सिर्फ Domino's का ही पिज़्ज़ा पसंद है और पिछले दो बार से मेरे इतने मेहनत के बाद भी उसने बोला कि मम्मी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
smita srivastava

मुझे हमेशा से ही लोगों के interviews पढ़ना, सुनना और देखना बहुत पसंद रहा है। मेरे इस शौक ने मुझे हमेशा संभाला भी है क्योंकि वो कहते हैं न कि सारे experiment अगर खुद पर करेंगे तो जीवन कम पड़ जाएगा। हमें दूसरों के experience से भी सीखना चाहिए। जब मैं करीब 15-16 साल की रही हूंगी तब एक बार अमिताभ बच्चन जी ने कौन बनेगा करोड़पति के माध्यम से मुझसे कहा था (मुझसे, इसलिए कि मैंने उनकी बात ध्यान से सुनी थी) कि "अगर आपके जीवन में आपके मन का होता है तो अच्छा है लेकिन अगर नहीं होता है तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि तब भगवान के मन का होता है और भगवान हमारे लिए हमसे बेहतर सोचता है।" बस मैंने इस बात को गांठ बांध ली। वो दिन है और आज का दिन है मैंने कभी इस बात को ग़लत साबित होते नहीं देखा है। एक बार किसी ने अपने interview में कहा था कि "या तो जीवन में कुछ लिखने लायक कर के जाओ या कुछ पढ़ने लायक लिख कर जाओ।" बस इन्हीं दोनों विचारों को अपने जीवन में अपनाते और उतारते हुए जीवन रूपी कर्तव्य पथ पर चल रही हूं।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    18 अप्रैल 2022
    100 प्रतिशत सही बात।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    18 अप्रैल 2022
    100 प्रतिशत सही बात।