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हिन्दी

सूरज और बादल

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नीले नीले आसमान के आंगन में छोटे छोटे बादल भाग दौड़ कर रहे थे । एक दूसरे के पीछे भाग रहे थे । पकड़म पकड़ाई खेल रहे थे । लुका छिपी भी खेल रहे थे । एक दूसरे को चिढ़ा रहे थे । कुछ बादल अट्टहास करते हुए ...

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लेखक के बारे में
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श्री हरि

हरि का अंश, शंकर का सेवक हरिशंकर कहलाता हूँ अग्रसेन का वंशज हूँ और "गोयल" गोत्र लगाता हूँ कहने को अधिकारी हूँ पर कवियों सा मन रखता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैं दिल से करता हूँ ।। गंगाजल सा निर्मल मन , मैं मुक्त पवन सा बहता हूँ सीधी सच्ची बात मैं कहता , लाग लपेट ना करता हूँ सत्य सनातन परंपरा में आनंद का अनुभव करता हूँ हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान से बेहद, प्यार मैंदिल से करता हूँ

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    अनन्या श्री "Ananya Shree" सुपरफैन
    13 अगस्त 2021
    नारदजी सिर्फ गलत सलाह ही दे रहे हैं.... ये क्या बात हुई भला.. अरे,, इतनी बड़ी धरती है.. और कोने कोने में बारिश होना जरूरी है.. और इन्हें नसबंदी की पड़ी है... नारदजी से कुछ तो होता नहीं,, और दूसरों को भी नहीं करने देते 😏😏😏😏
  • author
    रिदिमा होतवानी
    13 अगस्त 2021
    अंत्यत चुटीला लेख। शुरुआत तो उत्कृष्ट रही। अन्त पैना सा हो गया। कुछ अलग होता तो और भी वजनदार होता।
  • author
    UMA SHARMA "अर्तिका"
    13 अगस्त 2021
    सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌 शानदार अभिव्यक्ति 👌👌
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    अनन्या श्री "Ananya Shree" सुपरफैन
    13 अगस्त 2021
    नारदजी सिर्फ गलत सलाह ही दे रहे हैं.... ये क्या बात हुई भला.. अरे,, इतनी बड़ी धरती है.. और कोने कोने में बारिश होना जरूरी है.. और इन्हें नसबंदी की पड़ी है... नारदजी से कुछ तो होता नहीं,, और दूसरों को भी नहीं करने देते 😏😏😏😏
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    रिदिमा होतवानी
    13 अगस्त 2021
    अंत्यत चुटीला लेख। शुरुआत तो उत्कृष्ट रही। अन्त पैना सा हो गया। कुछ अलग होता तो और भी वजनदार होता।
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    UMA SHARMA "अर्तिका"
    13 अगस्त 2021
    सुन्दर प्रस्तुति 👌👌👌 शानदार अभिव्यक्ति 👌👌