सुबह की धूप खिड़की से सीधा चहरे पर पड़ रही थी। कभी हाथ रख कर कभी तकिए से मुँह छुपा कर मैंने थोड़ी देर और सोने की कोशिश की पर एक बार नींद खुल जाए तो कहां इतनी जल्दी वापस आती है। सो मैं उनींदी सी ही उठ ...
मैं एक चित्रकार हूं l रंगों से जिस प्रकार केनवास पर पेंटिंग्स बनता हूं, वैस ही शब्दों के माध्यम से भी कुछ रचना मुझे पसंद है। भावों की अभिवयक्ति को में पेंटिंग्स , लिखकर या कभी गाकर व्यक्त करता हूं।
छोटे से शहर आगरा से हूं। जीवन के हर क्षण का आनन्द लेता हूं।
संगीत और चित्रकला, दोनों में सुकून तलाश करता हूं।
सारांश
मैं एक चित्रकार हूं l रंगों से जिस प्रकार केनवास पर पेंटिंग्स बनता हूं, वैस ही शब्दों के माध्यम से भी कुछ रचना मुझे पसंद है। भावों की अभिवयक्ति को में पेंटिंग्स , लिखकर या कभी गाकर व्यक्त करता हूं।
छोटे से शहर आगरा से हूं। जीवन के हर क्षण का आनन्द लेता हूं।
संगीत और चित्रकला, दोनों में सुकून तलाश करता हूं।
रिपोर्ट की समस्या
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