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सुकून

4.5
2437

ट्रेन अचानक से रुक गयी। टीनू ने खिड़की से बाहर झांका। उसने देखा एक छोटी सी लड़की एक पैर में रंग बिरंगी चप्पल पहने थी। कुछ पैर से बाहर, कुछ ढीली सी। एक चप्पल पहन कर भी उसके चेहरे पर सुकून था। ...

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लेखक के बारे में

कहानी संग्रह "मनकही" और बाल कहानी संग्रह "बुद्धिमान चीकू नीकू और अन्य कहानियाँ" की लेखिका

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    सुब्बु यादव
    06 सितम्बर 2018
    very Nice
  • author
    प्रीति खरवार
    21 मई 2018
    बहुत खूबसूरत रचना!
  • author
    shobha
    06 सितम्बर 2017
    good
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    सुब्बु यादव
    06 सितम्बर 2018
    very Nice
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    प्रीति खरवार
    21 मई 2018
    बहुत खूबसूरत रचना!
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    shobha
    06 सितम्बर 2017
    good